PSC FULL FORM IN HINDI – जानिए पूरी जानकारी

PSC Full Form in Hindi, PSC Ka Pura Naam Kya Hai, PSC क्या है, PSC Ka Full Form Kya Hai, PSC का Full Form क्या है,  PSC meaning, PSC क्या क्या कार्य होता है। इन सभी सवालों के जबाब आपको इस Post में दिया जाएगा।

आजकल के इस युग में सभी मनुष्य एक अच्छी नौकरी पाना चाहते हैं और एक अच्छा जीवन यापन करना चाहते है और यह भी चाहते हैं कि उनकी जिंदगी में किसी भी चीज की कमी ना हो। यही कारण है कि सभी मनुष्य व्यापार को छोड़कर सरकारी नौकरियों की तरफ भागते नजर आते हैं। क्योंकि उसमें जोखिम की संभावना बहुत कम होती है।

किंतु इन्हें पाने के लिए भी कड़ी लगन और कड़ी मेहनत की आवश्यकता होती है इसे पाने के लिए धैर्य, दृढ़ संकल्प, संयम एवं दिमाग का शांत होना अति आवश्यक है।सरकारी नौकरियां विभिन्न प्रकार की होती है। जिसमें सबसे मुश्किल UPSC (संघ लोक सेवा आयोग) की परीक्षा होती है उसके पश्चात PSC (लोक सेवा आयोग) की उसके बाद SSC(कर्मचारी चयन आयोग) उसके बाद अन्य।

आज हम PSC (लोक सेवा आयोग) के बारे में चर्चा करेंगे और इसके बारे में संपूर्ण ज्ञान हासिल करेंगे l

Contents

(PSC FULL FORM IN HINDI?)

PSC का full form public service commission या लोक सेवा आयोग होता है। यह एक संस्था है जिसकी स्थापना 1 नवंबर 1956 ईस्वी को हुई। यह भारतीय संविधान के अनुच्छेद 315 से लेकर 323 तक में वर्णित है। एवं संविधान के भाग 14 में भी वर्णित है।

PSC के प्रकार क्या हैं? (What are the types of PSC in Hindi?)

Public service commission या लोक सेवा आयोग भिन्न भिन्न राज्यों में भिन्न-भिन्न तरह की होती है। जो भिन्न-भिन्न प्रकार के पदों की नियुक्ति करती है। जैसे WBPC (पश्चिम बंगाल लोक सेवा आयोग) ,UPPSC ( उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग), MPPSC (मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग),UKPSC ( उत्तराखंड लोक सेवा आयोग), TNPSC (तमिलनाडु लोक सभा आयोग) इत्यादि।

लोक सेवा आयोग परीक्षा का पैटर्न एवं इसे पाने का तरीका (What is the exam pattern of PSC in Hindi?)

किसी भी राज्य की लोक सेवा आयोग पदों की नियुक्ति क्रमशः 3 चरणों में पूरा करती है पहला primilims exam दूसरा mains exam एवं अंतिम तीसरा interview.

इस परीक्षा में बैठने के लिए विद्यार्थियों का एक निश्चित उम्र सीमा में होना जरूरी होता है उम्र सीमा 21 वर्ष से 35 वर्ष तक की होती है अन्य अन्य नीची जाति के विद्यार्थियों के लिए एवं महिलाओं के लिए सीमा अलग-अलग तय की गई है। जो अलग-अलग नौकरियों में अलग-अलग प्रकार की होती है। इस परीक्षा में बैठने के लिए कम से कम ग्रेजुएट होना अनिवार्य है। परंतु अलग-अलग परीक्षाओं की qualificationअलग-अलग होती है, जिनके अनुसार उनकी नियुक्ति की जाती है।

इस परीक्षा में प्रश्नों की संख्या तय होती है कुछ प्रश्न गणित के कुछ प्रश्न तर्कशास्त्र अथवा रिजनिंग के एवं कुछ प्रश्न जनरल नॉलेज या G.K से होते हैं । विभिन्न प्रकार के परीक्षाओं के प्रश्न पद के अनुसार कुछ अलग अलग हो सकते हैं। इन प्रश्नों के प्रश्न की प्रतिलिपि अंग्रेजी अथवा राज्य की राजकीय भाषा में हो सकती है। परीक्षा में पूछे गए प्रश्न  M.C.Q type अथवा दीर्घ उत्तरी हो सकते हैं ।

M.C.Q प्रश्न में विद्यार्थियों को एक सही उत्तर को चुनना एवं उसे निशान लगाना होता है ।एक प्रश्न के चार या पांच option  होते हैं ,जिसमें से एक ही सटीक होता है। एवं अन्य सारे गलत होते हैं। एवं दीर्घ उत्तरीय प्रश्न में उसे limited words में, और सही ढंग से लिखना होता है।

छात्रों को सर्वप्रथम किसी भी पदों को पाने के लिए आवेदन करना होता है। यह आवेदन online या offline हो सकता है। इसके पश्चात उन्हें लोक सेवा आयोग की तरफ से प्रीलिम्स की एक admit card provide किया जाता है। जिसे परीक्षा में लाना तथा उसके साथ अपने परिचय पत्र एवं एक कॉपी फोटो का लाना निश्चित होता है। छात्र पहली परीक्षा को अपने मेहनत के बल पर पास करते हैं इसके बाद।

फिर दूसरी परीक्षा मेंस  लोक सेवा आयोग द्वारा ली जाती है । इसमें भी परिचय पत्र एवं एक कॉपी फोटो को लाना अनिवार्य होता है। जो विद्यार्थी इन दोनों परीक्षाओं को पास कर जाते हैं ,उनके लिए अंतिम एक इंटरव्यू की परीक्षा होती है ।जिनमें उन्हें अपने बुद्धि की क्षमता के अनुसार सारे सवालों का जवाब देना होता है एवं अपने सारे original documents को उनके सामने प्रस्तुत करना होता है।

इन सभी के पश्चात एक मेरिट लिस्ट निकलती है जिसके अनुसार विद्यार्थियों को नौकरी दी जाता है। इस परीक्षा में पास करने वाले छात्रों का जीवन का स्तर बहुत ऊंचा हो जाता है एवं किसी भी प्रकार की समस्या नहीं होती है, और समाज में भी बहुत ज्यादा प्रतिष्ठा प्राप्त होती  है।

Public service commission या लोक सेवा आयोग के उद्देश्य क्या हैं? (What are the objects Public service commission in Hindi?)

इसका मुख्य उद्देश्य किसी राज्य में राज्य सरकार द्वारा नियुक्त किए जाने वाले सभी सरकारी पदों की नियुक्ति करना तथा उसे सटीक और सुचारू ढंग से चलाना होता है। इसमें विभिन्न बड़े-बड़े पदों की भर्ती भी होती है। जैसे – district organisation ,assistant professor ,assistant director, scientific officer etc . राज्यों के नियम अनुसार पदों की नियुक्ति, पदों की भर्ती होती है। इसमें से कौन कौन से पद की नियुक्ति करना है । इसका निर्धारण लोक सेवा आयोग के प्रमुख के द्वारा किया जाता है एवं उनके सहयोग द्वारा इसे सार्वजनिक किया जाता है।

  1. PSC का full form क्या होता है?

उत्तर – PSC का full form public service commission या लोक सेवा आयोग होता है।

  1. PSC का मुख्य उद्देश्य क्या है?

उत्तर – इसका मुख्य उद्देश्य किसी राज्य में राज्य सरकार द्वारा नियुक्त किए जाने वाले सभी सरकारी पदों की नियुक्ति करना तथा उसे सटीक और सुचारू ढंग से चलाना होता है।

  1. PSC कितने प्रकार के होते हैं?

उत्तर – public service commission या लोक सेवा आयोग भिन्न भिन्न राज्यों में भिन्न-भिन्न तरह की होती है। जो भिन्न-भिन्न प्रकार के पदों की नियुक्ति करती है। क्यूंकि सभी राज्य के नाम और नियुक्ति अलग अलग होती हैं।

  1. PSC भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद मे वर्णित हैं?

उत्तर – यह भारतीय संविधान के अनुच्छेद 315 से लेकर 323 तक में वर्णित है। एवं संविधान के भाग 14 में भी वर्णित है।

Conclusion(निस्कर्ष)-

हम कह सकते हैं कि P.S.C की परीक्षा कठिन परीक्षा में से एक है। इसका  कारण यह है कि इसमे आने वाले सभी पद ऊंचे दर्जे के होते हैं और यह पद बहुत ही सीमित होते हैं। इसमें पास किए हुए विद्यार्थी, हमारे राज्य के सभी बड़े बड़े ऑफिसर को सही ढंग से संचालित करते हैं। जिससे हमारे राज्य एवं  देश का कल्याण हो सके।

Leave a Comment