HTTP full form – Hyper Text Transfer Protocol
हम और आप सभी अपने सिस्टम या मोबाइल पर इंटरनेट सर्फ करते हैं। आपने देखा होगा, जब भी इंटरनेट इस्तेमाल करते समय हम किसी ब्रोजर के एड्रेस बार में कोई वेबसाइट एड्रेस टाइप करते हैं तो http:// लिखा दिखाई देता है। बहुत से लोग इसे जानने में दिलचस्पी नहीं दिखाते। वह केवल वेबसाइट एड्रेस टाइप कर मनपसंद वेबसाइट खोलते हैं और आगे बढ़ जाते हैं। क्या आप भी ऐसे लोगों में हैं?
अगर नहीं तो क्या आपको पता है कि HTTP full form in Hindi या http क्या होता है? अगर नहीं तो आज हम आपको इसके फुल फार्म बताने के साथ ही इससे जुड़ी अहम जानकारी देंगे-
HTTP full form in Hindi

HTTP की फुल फार्म है – Hyper Text Transfer Protocol
HTTP in Hindi – हाइपर टेक्स्ट ट्रांसफर प्रोटोकाल। इसका काम ब्रोजर और वेबसाइट के बीच कम्युनिकेशन बनाने के लिए किया जाता है।
HTTP की history
Http का प्रयोग पहली बार 53 साल पहले 1965 में टेड नेलसन ने किया था| आज से 27 साल पहले 1991 में डाक्यूमेंट वर्जन लांच किया गया। इसके साथ ही हम आपको https के बारे में भी बताएंगे, जो कि http का सिक्योर वर्जन है। https का मतलब होता है Hyper Text Transfer Protocol Secure। इसे TLS यानी Transport Layer Security और SSI यानी Secure Socket Layer ने लिखा है।
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HTTPS क्या है?
HTTPS के बारे मे आपको बताते हैं। यह ब्रोजर और वेबसाइट के बीच कम्युनिकेशन बनाने के लिए प्रयोग किए जाने वाले http का सुरक्षित वर्जन है। इस वर्जन को आन लाइन फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन वेबसाइट के लिए प्रयोग करते हैं। मतलब इस तरह की वेबसाइट जिनके जरिये ग्राहक आन लाइन पेमेंट, आन लाइन शापिंग या पैसा ट्रांसफर करने जैसी सुविधाओं का लाभ उठाते हैं।
इस वर्जन के जरिये सुरक्षा का दायरा बढ़ जाता है। ऐसे में ट्रांजेक्शन को भी सुरक्षित कर सकना संभव होता है। डाटा में सेंध की संभावना बेहद कम हो जाती है। बैंकों में इसी वर्जन का इस्तेमाल किया जाता है।
HTTP के फायदे क्या है?
इन दिनों आन लाइन का जमाना है। ज्यादातर युवा जो घर से बाहर रह रहे हैं। पैसे का मंगाना-भिजवाना आन लाइन ही पसंद करते हैं। इसके अलावा उनकी ज्यादातर खरीदारी भी आन लाइन होती है। जैसे उन्हें कोई सामान मंगाना होता है तो स्नैप डील, फ्लिपकार्ट, अमेजन जैसी वेबसाइटों का इस्तेमाल करते हैं।
आन लाइन आर्डर करते हैं और आन लाइन पेमेंट के जरिये घर बैठे सामान की डिलीवरी का फायदा उठाते हैं। उनके लेन-देन को इसी तरह की वेबसाइट सुरक्षित करती हैं।
कई बार ऐसा भी होता है कि डाटा चोर फर्जी वेबसाइटों के जरिये महज एक या दो शब्द इधर-उधर कर ऐसे एड्रेस बनाकर उपभोक्ता से क्लिक करा लेती हैं, जो बाद में उनके लिए भारी पड़ता है। इसीलिए फिशिंग अटैक से बचने के लिए मिलते-जुलते वेबसाइट एड्रेस से बचने की सलाह अक्सर विशेषज्ञ देते हैं। खास तौर पर बैंकों की वेबसाइट पर आपको इस तरह की नसीहतें जरूर मिल जाती हैं। असल बात है कि अपने स्तर से सुरक्षित रहना। वेबसाइटों का देख-समझकर इस्तेमाल करना।
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HTTP पोस्ट पर हमारी राय
इस पोस्ट में हम ने जाना की HTTP क्या है और HTTP full form in Hindi. हमे comment में बताये की आपको ये पोस्ट कैसी लगी.