आपने कभी न कभी किसी महँगे Product को EMI पर खरीदा भी होगा। अक्सर आपने Newspaper में दिए गए या TV पर आ रहे कार तथा घर आदि Advertisement में उसे EMI पर खरीदने की बात भी जरूर सुनी होगी।
लेकिन क्या आप EMI full form तथा इससे जुड़ी अन्य बातों को जानते है?
EMI full form in Hindi

EMI का फुलफॉर्म – Equated Monthly Installment.
EMI in Hindi – इक्वेटेड मंथली इंस्टालमेंट
जब हम कोई ऐसी चीज़ खरीदना चाहते है जिसकी कीमत काफी ज्यादा होती है और हम उसे इकट्ठे पैसे देकर नहीं खरीद सकते, तो हम उस Product के Price का भुगतान किश्तों में कर के उसे खरीदते हैं। इसी किश्त की राशि को ही EMI के नाम से जाना जाता है।
अक्सर आप जब TV में या न्यूजपेपर में जब किसी कार या घर आदि के Add को देखते होंगे तो आपने देखा होगा वहाँ पर ‘EMI’ के बारे में भी लिखा हुआ होता है। किसी कार या घर की कीमत लाखों में होती है ऐसे में हर किसी व्यक्ति के लिए ये संभव नहीं होता कि वो उसे एकमुश्त पैसे देकर खरीद सके। ऐसे में इन Customer के लिए कम्पनी EMI की व्यवस्था करती है ताकि ये लोग उस चीज़ की कीमत का भुगतान किश्तों में कर के उसे अपना बना सकें।
EMI का definition
अगर बात करें EMI की definition की तो इसे इस तरह से समझा जा सकता है कि- ‘जब कोई व्यक्ति बैंक द्वारा प्राप्त Loan को छोटे- छोटे Amount में कर के बैंक को वापस करता है तो उसे ही EMI कहते हैं।’
EMI का example
Example के लिए अगर आप कोई कार या घर ख़रीदना चाहते है जिसकी कीमत 10 लाख रुपये है। लेकिन आपके पास 10 लाख रुपये नहीं है तो ऐसे में आप उसे खरीदने के लिए बैंक से Loan Apply कर सकते हैं। बैंक आपको वो कार ख़रीदने के लिए एक मुश्त पैसा दे देगी, जिसके बदले में आपको हर महीनें थोड़े- थोड़े पैसे बैंक में जमाकर के उस 10 लाख रुपये के कर्ज़ को खत्म करना होगा। आप हर महीनें जितने पैसे बैंक को किश्त के रुप मे वापस करते है उसे ही EMI कहते हैं।
EMI के लिए requirement
यहाँ आपको ये भी बता दे कि जब बैंक किसी व्यक्ति को EMI पर Loan देती है तो इससे पहले वो उसके कुछ Important Paper भी Check करती है। इसके साथ ही उस व्यक्ति की आर्थिक स्थिति का भी आँकलन करती है। इसके पीछे का मक़सद ये होता है कि Bank जानना चाहती है कि वो जिस व्यक्ति को Loan दे रही है क्या वो हर महीने की EMI भर पायेगा या नहीं। इसमे वो उस व्यक्ति के Income के Source को भी Check करती है।
दोस्तो EMI के बारे में हमने ये सब तो जान लिया कि ये क्या होता है तथा इसकी कब जरूरत पड़ती है, अब आइये जानते है की EMI का निर्धारण किस तरह से किया जाता है।
EMI कैसे calculate होता है?
EMI का Calculation – EMI का निर्धारण हमारे द्वारा Loan में ली गयी राशि तथा उस Loan को ख़त्म करने के लिए हमारे द्वारा लिए गए समय के अनुसार ही किया जाता है। Example के लिए अगर हम 1 लाख रुपये का Loan 10 महीनें के लिए लेते है तो हमें जो Monthly EMI देनी पड़ेगी वो लगभग 10 हज़ार रुपये प्रति महीने होगी। यहाँ पर 1 लाख रुपये की राशि को 10 बराबर भागो में बाँटकर EMI को Calculate कर लिया गया है।
इसी तरह से आप जो भी राशि Loan के रूप में लेते है उसे Time के अनुसार Divide कर के EMI का पता लगा लिया जाता है।
दोस्तो कोई भी फाइनेंस कंपनी या बैंक किसी को ऐसे ही EMI पर लोन नही दे देता है। इसके लिए बैंक की कुछ शर्तें होती है जिसे Follow करने वाले व्यक्ति को ही EMI पर Loan मिल सकता है। इनमे से जो महत्वपूर्ण शर्ते है,आइए उनके बारे में जानते हैं।
EMI लेने के लिए शर्ते
- Loan लेने वाले व्यक्ति के पास Income का Source होना चाहिए।
- Loan Recovery के लिए उसे कुछ Property Show करनी होती है।
- उसके ऊपर पहले का कोई Loan ना चल रहा हो।
- व्यक्ति के Bank के Account की Detail भी Check होती है।
- EMI भरने के ज़रिए को भी Bank को बताना होता है।
इन सबके अलावा भी Bank की और शर्ते भी होती है जिसे Follow करने पर ही कोई व्यक्ति Bank से EMI पर Loan पा सकता है।
इस पोस्ट पर हमारी राय
EMI ने Middle Class Family के भी उन सपनों को पूरा करने का काम किया है जो कि वो पैसे की कमी की वज़ह से पूरा नहीं कर पाते हैं। EMI की बदौलत आज छोटी सी कमाई करने वाला व्यक्ति भी खुद के कार और घर जैसे बड़े सपनो को पूरा कर पा रहा है।
अगर आप भी अपने किसी सपने को पैसे की कमी के कारण पूरा नहीं कर पा रहे है तो आप भी EMI के जरिये उसे आसानी से पूरा कर सकते हैं। आप EMI पर आसानी से कोई घर या कार खरीद सकते है।
इस पोस्ट में हम ने जानी EMI full form in Hindi और इसकी ज़रूरी जानकारी भी।
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